पटना | ASH24 NEWS
बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।
AIMIM के प्रमुख Owaisi ने जिस तरह से Seemanchal में पकड़ बनाई है,
अब वह Mithilanchal तक अपने संगठन का विस्तार करने की तैयारी में हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह योजना सफल हुई, तो यह Mahagathbandhan के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
Owaisi का फोकस: सीमांचल से अब मिथिलांचल
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 2020 विधानसभा चुनाव में Seemanchal क्षेत्र में पांच सीटें जीतकर सभी को चौंका दिया था।
अब खबर है कि पार्टी अपने संगठन को Mithilanchal तक विस्तार देने की योजना पर काम कर रही है।
Owaisi Strategy साफ है – जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी निर्णायक भूमिका निभा सकती है, वहां AIMIM को मजबूत बनाना।
क्यों टेंशन में है Mahagathbandhan?
Mahagathbandhan, जिसमें RJD, Congress और वाम दल शामिल हैं, का पारंपरिक वोट बैंक मुस्लिम-यादव समीकरण (MY) रहा है।
AIMIM के उभरने से Bihar Muslim Vote में सेंध लग रही है, जिससे RJD की चिंता बढ़ गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर AIMIM ने Mithilanchal जैसे क्षेत्रों में भी 2025 तक आधार मजबूत कर लिया,
तो Bihar Elections में गठबंधन को सीधी चुनौती मिल सकती है।
पार्टी संगठन को किया जा रहा है मजबूत
सूत्रों के अनुसार AIMIM ने Bihar में जिला स्तर पर कोऑर्डिनेटर्स नियुक्त करना शुरू कर दिया है।
Seemanchal के अलावा Darbhanga, Madhubani, और Sitamarhi जिलों में संगठन विस्तार का काम तेज़ किया गया है।
साथ ही, युवाओं और महिलाओं के लिए अलग-अलग मोर्चा भी बनाने की योजना है, जिससे पार्टी का जनाधार बढ़ाया जा सके।
समीकरण बिगाड़ सकते हैं Owaisi?
AIMIM को लेकर विरोधी दलों की चिंता यह है कि वह अकेले चुनाव लड़ते हैं और सीधे तौर पर Mahagathbandhan को नुकसान पहुंचाते हैं।
2019 लोकसभा और 2020 विधानसभा चुनावों में AIMIM ने कई सीटों पर “कटिंग वोट“ का असर डाला, जिससे NDA को अप्रत्यक्ष फायदा मिला।
2025 में भी अगर ऐसा ही हुआ, तो Owaisi भले खुद ज्यादा सीटें न जीतें, लेकिन वे चुनाव का नतीजा तय करने की स्थिति में जरूर होंगे।
मुस्लिम समाज में कितना प्रभाव?
हालांकि AIMIM का प्रभाव अभी तक सिर्फ सीमित क्षेत्रों तक रहा है, लेकिन
Seemanchal में Owaisi की जनसभाओं में उमड़ी भीड़ से यह साफ है कि एक वर्ग उन्हें अपना नेतृत्व मानने को तैयार है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या यही प्रभाव Mithilanchal तक पहुंच पाता है।
निष्कर्ष:
Owaisi Strategy अब सिर्फ सीमांचल तक सीमित नहीं है।
Bihar Elections को देखते हुए AIMIM का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
अगर पार्टी ने Seemanchal से Mithilanchal तक अपने पैर पसार लिए, तो Mahagathbandhan के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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