चंद्रमा से मंगल तक सफर में रेडिएशन का खतरा, वैज्ञानिकों ने खोज निकाला उपाय

अंतरिक्ष की असीम गहराइयों में खोजबीन और खोज के सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर मानव जीवन के लिए कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें से सबसे बड़ा खतरा अंतरिक्षीय विकिरण (Space Radiation) है। यह विकिरण Chandrama और मंगल जैसे गंतव्यों की ओर जाने वाली यात्राओं के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नया समाधान खोज निकाला है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी। आइए जानते हैं कि यह खतरा कितना गंभीर है और वैज्ञानिकों ने इसके समाधान के लिए क्या नया तरीका विकसित किया है।

अंतरिक्ष विकिरण: सबसे बड़ी चुनौती

अंतरिक्ष में विकिरण दो प्रमुख स्रोतों से आता है:

  1. सौर विकिरण (Solar Radiation) – सूर्य से निकलने वाली तीव्र किरणें जो अंतरिक्ष में बहुत शक्तिशाली होती हैं।
  2. गैलेक्टिक कॉस्मिक रेडिएशन (Galactic Cosmic Radiation – GCR) – यह ब्रह्मांड में विस्फोटित सितारों (Supernova) से उत्पन्न होता है और अत्यधिक ऊर्जा वाला होता है।

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वायुमंडल हमें इन हानिकारक किरणों से बचाते हैं, लेकिन Chandrama और मंगल पर ऐसा कोई सुरक्षा कवच नहीं है। इससे वहां जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को कैंसर, कोशिका क्षति, तंत्रिका संबंधी समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।

चंद्रमा और मंगल मिशनों पर रेडिएशन का असर

चंद्रमा और मंगल पर जाने वाली मिशनों की अवधि महीनों से लेकर वर्षों तक हो सकती है। इस दौरान अंतरिक्ष यात्री विकिरण के संपर्क में आएंगे, जिससे उनकी हड्डियों की कमजोरी, डीएनए में परिवर्तन और यहां तक कि मानसिक विकार भी हो सकते हैं।

NASA, ESA (European Space Agency) और अन्य स्पेस एजेंसियाँ इस खतरे को कम करने के लिए कई वर्षों से शोध कर रही हैं। उनके वैज्ञानिक यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा और मंगल की सतह पर भेजा जाए और वहाँ सुरक्षित रखा जाए।

वैज्ञानिकों ने खोजा नया समाधान

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने अब रेडिएशन के खतरे को कम करने के लिए ‘रेडिएशन-शील्डिंग टेक्नोलॉजी’ विकसित की है। इसमें कई नवीन तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है:

  1. पानी आधारित सुरक्षा परत (Water-Based Shielding)
    पानी में हाईड्रोजन की उच्च मात्रा होती है, जो रेडिएशन को अवशोषित करने में सक्षम होती है। वैज्ञानिक अब अंतरिक्ष यान के अंदर पानी की परतें बनाने पर काम कर रहे हैं, जिससे यात्रियों को विकिरण से बचाया जा सके।

  2. रेगोलिथ से बने शेल्टर (Regolith Shelters)
    Chandrama और मंगल की सतह पर उपलब्ध मिट्टी और चट्टानों (Regolith) का उपयोग कर विकिरण रोधी आश्रय बनाए जा सकते हैं। NASA के आर्टेमिस मिशन में इस तकनीक का परीक्षण किया जाएगा।

  3. मैग्नेटिक शील्डिंग (Magnetic Shielding)
    वैज्ञानिक ऐसे शक्तिशाली कृत्रिम चुंबकीय क्षेत्र विकसित कर रहे हैं, जो पृथ्वी की तरह विकिरण को रोक सके। यह तकनीक भविष्य में अंतरिक्ष यान और बेस स्टेशनों में उपयोग की जा सकती है।

  4. ग्रीनहाउस प्रभाव का उपयोग
    मंगल पर रेडिएशन से बचने के लिए वहाँ ग्रीनहाउस बनाए जा सकते हैं, जिसमें विशेष प्रकार के पौधे और जैविक सामग्री विकिरण को सोखकर वातावरण को सुरक्षित बनाएंगे।

भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं में रेडिएशन से सुरक्षा

NASA और ESA के अनुसार, आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष यात्रा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई नई तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। इनमें अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विशेष सूट, जैविक उपचार और जीन एडिटिंग जैसी आधुनिक विधियाँ भी शामिल हो सकती हैं।

निष्कर्ष

Chandrama चंद्रमा और मंगल की यात्रा इंसान के अंतरिक्ष में कदम बढ़ाने की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, लेकिन इसके साथ ही रेडिएशन का खतरा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की जा रही नई तकनीकें इस समस्या से निपटने में मदद करेंगी और भविष्य में मंगल पर मानव बस्तियाँ बसाने के सपने को साकार करेंगी।

अंतरिक्ष विज्ञान में होने वाली यह प्रगति न केवल वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आम जनता के लिए भी एक नई आशा की किरण है कि जल्द ही इंसान अंतरिक्ष में सुरक्षित रूप से लंबी दूरी की यात्राएँ कर सकेगा। 🚀

Also Read

Superbugs Research: 10 साल की पहेली को AI ने 2 दिन में सुलझाया, वैज्ञानिक हैरान! जानें कैसे सुलझी दशकों पुरानी गुत्थी

असम में NDA की बड़ी जीत, कांग्रेस का हुआ बुरा हाल | राभा हसोंग परिषद चुनाव का रिजल्ट जारी

Bollywood कहानियों में किसने दर्ज कराई महिलाओं की दमदार उपस्थिति? यहां देखें पूरी लिस्ट

एएमयू के शोध छात्र ने बांग्लादेश में 8वें दक्षिण एशियाई अर्थशास्त्री सम्मेलन में पेपर प्रस्तुत किया

ICAI CA May 2025: सीए मई परीक्षा के लिए कल से खुल रही है पंजीकरण विंडो, इन पांच आसान स्टेप्स में करें आवेदन

You Might Also Like

National Security Advisory Board का पुनर्गठन: पूर्व RAW Chief बने अध्यक्ष, Pakistan Tension के बीच बड़ा कदम

Lahore में मिला आतंकी Hafiz Saeed का Secret Hideout, खुले में रह रहा आराम से – देखें Exclusive Photos और Videos

National Security Advisory Board का पुनर्गठन: पूर्व RAW Chief बने अध्यक्ष, Pakistan Tension के बीच बड़ा कदम

Pakistan में मचा हड़कंप: सूचना मंत्री तरार की रात डेढ़ बजे Press Conference, बोले – India 24 से 36 घंटे में हमला कर सकता है

CAIT ने किया ऐलान: 1 मई से Pakistan के साथ सभी Business Deals होंगी खत्म, Pakistan Economy पर पड़ेगा बड़ा असर

Beera Bhaat Ceremony में शामिल हुए Lok Sabha Speaker, वीरांगना Madhubala के घर मायरा लेकर पहुंचे बेटी की शादी में

Pulwama Attack के खौफनाक मंजर को दिखाती हैं ये फिल्में और वेब-सीरीज, जानिए कौन-कौन से OTT Platforms पर हैं मौजूद

Pahalgam Attack के बाद Pulwama Terrorists ने Drone Surveillance Kashmir की मदद से किया पलायन, Pakistan Cryptocurrency Funding से मिली आर्थिक मदद

Select Your City

Enable Notifications Allow