कैसे लीक हुआ Haryana 12वीं का पेपर? सेंटर इंचार्ज ने बताया, दो सुपरवाइजर-तीन छात्रों पर केस दर्ज

कैसे लीक हुआ हरियाणा 12वीं का पेपर? सेंटर इंचार्ज ने बताया, दो सुपरवाइजर-तीन छात्रों पर केस दर्ज

Haryana में 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान पेपर लीक का बड़ा मामला सामने आया है। परीक्षा के दौरान सुरक्षा के सख्त इंतजामों के बावजूद पेपर लीक होने से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

पुलिस और शिक्षा विभाग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो सुपरवाइजर और तीन छात्रों पर केस दर्ज कर लिया है। सेंटर इंचार्ज ने भी इस मामले में बड़ा खुलासा किया है कि आखिरकार पेपर लीक हुआ कैसे?

कैसे हुआ पेपर लीक? सेंटर इंचार्ज का खुलासा

सेंटर इंचार्ज के अनुसार, परीक्षा केंद्र में पहले से ही नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए थे, लेकिन कुछ भीतर के लोग ही इस घटना में शामिल पाए गए।

👉 पेपर लीक की प्रक्रिया:

  • परीक्षा शुरू होने से कुछ ही मिनट पहले प्रश्नपत्र की तस्वीर खींची गई
  • यह तस्वीर मोबाइल फोन के जरिए किसी बाहरी व्यक्ति को भेजी गई
  • बाहरी व्यक्ति ने तेजी से उत्तर तैयार करके इसे छात्रों तक पहुंचाने की कोशिश की
  • घटना के बाद प्रशासन को जब इसकी भनक लगी, तो तुरंत पुलिस को सूचित किया गया और जांच शुरू कर दी गई।

👉 सेंटर इंचार्ज का बयान:
सेंटर इंचार्ज ने कहा,

“हमें परीक्षा के दौरान गड़बड़ी की सूचना मिली थी। जब जांच की गई, तो पता चला कि दो सुपरवाइजर और तीन छात्रों की संलिप्तता थी। उन्होंने परीक्षा शुरू होने के तुरंत बाद प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींचकर बाहर भेजी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत FIR दर्ज कराई गई।”

किन लोगों पर दर्ज हुआ केस?

👉 इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया:
✔️ दो सुपरवाइजर – पेपर लीक में सहयोग करने का आरोप।
✔️ तीन छात्र – प्रश्नपत्र को बाहर भेजने और उत्तर प्राप्त करने की कोशिश करने का आरोप।

👉 इन धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ:

  • धोखाधड़ी (IPC 420)
  • परीक्षा अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई
  • आईटी एक्ट के तहत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेपर लीक करने का मामला

पुलिस ने कहा है कि जांच जारी है और जल्द ही इसमें और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं

पुलिस और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया

हरियाणा पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। इस टीम को यह पता लगाने का काम सौंपा गया है कि:

🔎 पेपर लीक के पीछे कोई बड़ा गिरोह तो नहीं?
🔎 क्या अन्य परीक्षा केंद्रों में भी ऐसा हो रहा है?
🔎 क्या केवल सुपरवाइजर और छात्र ही शामिल हैं या स्कूल प्रशासन भी शामिल है?

शिक्षा विभाग ने भी कहा है कि अगर इस मामले में कोई शिक्षक, स्कूल कर्मचारी या अन्य लोग दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और परीक्षा रद्द भी की जा सकती है।

हरियाणा में बार-बार क्यों हो रही हैं ऐसी घटनाएं?

हरियाणा में बोर्ड परीक्षाओं में धांधली की घटनाएं पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रही हैं।

📌 2022 – हरियाणा बोर्ड की 10वीं परीक्षा में भी इसी तरह का पेपर लीक हुआ था।
📌 2023 – कुछ परीक्षा केंद्रों पर उत्तर पहले से लीक होने की शिकायतें आई थीं।
📌 2024 – बोर्ड परीक्षा में नकल गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था, जिसमें स्कूल प्रशासन भी शामिल था।

हर साल होने वाली इन घटनाओं से साफ जाहिर होता है कि शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।

छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

ईमानदार छात्रों में नाराजगी:
पेपर लीक की घटना से वे छात्र बहुत परेशान हैं, जिन्होंने पूरे साल मेहनत से पढ़ाई की।

अभिभावकों की चिंता:
माता-पिता का कहना है कि

“अगर बार-बार पेपर लीक होते रहेंगे, तो परीक्षा प्रणाली पर से भरोसा उठ जाएगा। प्रशासन को ठोस कदम उठाने चाहिए।”

परीक्षा रद्द करने की मांग:
कई छात्रों और संगठनों ने इस परीक्षा को रद्द करने और दोबारा आयोजित करने की मांग की है।

अब आगे क्या होगा?

हरियाणा शिक्षा बोर्ड (HBSE) और पुलिस ने साफ कर दिया है कि इस बार पेपर लीक के मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

  • SIT की रिपोर्ट के बाद अगर और भी लोग दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई होगी।
  • परीक्षा को रद्द करने या फिर से आयोजित करने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
  • सरकार ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए परीक्षा प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा।

निष्कर्ष: क्या शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है?

हरियाणा 12वीं बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक की घटना ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

📌 जरूरी कदम:
✔️ परीक्षा केंद्रों में सख्त सुरक्षा इंतजाम किए जाने चाहिए।
✔️ CCTV कैमरे और AI आधारित निगरानी प्रणाली लागू की जानी चाहिए।
✔️ दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाती है, या फिर यह मामला भी धीरे-धीरे ठंडा पड़ जाएगा?

आप इस पूरे मामले पर क्या सोचते हैं? क्या परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए? कमेंट में अपनी राय दें! Read More

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