Written by: ASIYA SHAHEEN
भोपाल, 31 मई 2025: इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला एक और दिन जब भारत के Prime Minister Modi ने भारत की महान नारी शक्ति का सम्मान करते हुए Women Empowerment Mission की शुरुआत की। अवसर था – Ahilyabai Holkar की 300वीं जयंती का, और स्थान था – मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल।
यह समारोह केवल एक सरकारी आयोजन नहीं था, बल्कि यह उस सोच का प्रतीक था जो एक मजबूत, आत्मनिर्भर और सुरक्षित महिला भारत की कल्पना करता है।
देवी अहिल्याबाई होल्कर की विरासत
देवी अहिल्याबाई होल्कर ने 18वीं शताब्दी में जिस न्यायप्रिय शासन, धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया, वही आज भारत सरकार के नए मिशन की प्रेरणा बनी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से कहा:
“देवी अहिल्याबाई ने जिस सेवा और समर्पण से भारत को नई दिशा दी, उनकी सोच आज भी हमारे लिए प्रेरणादायक है। यह मिशन उनके ही सपनों को साकार करने की दिशा में एक पवित्र प्रयास है।”
मिशन के मुख्य उद्देश्य
Devi Ahilyabai Nari Shakti Mission का उद्देश्य महिलाओं की जिंदगी को हर स्तर पर बेहतर बनाना है। इसके तहत:
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किशोरियों और महिलाओं की शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
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स्वास्थ्य सेवाएं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, बेहतर की जाएंगी।
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पोषण और स्वच्छता जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
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आत्मनिर्भरता के लिए स्वरोजगार और स्टार्टअप ट्रेनिंग दी जाएगी।
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डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा।
यह मिशन खासकर उन महिलाओं के लिए है जो अभी भी ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
श्रद्धांजलि के प्रतीक: सिक्का और डाक टिकट
प्रधानमंत्री ने देवी अहिल्याबाई के सम्मान में ₹300 का विशेष स्मारक सिक्का और एक विशेष डाक टिकट जारी किया। यह न केवल श्रद्धांजलि थी बल्कि भारत की ऐतिहासिक विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी।
विकास की नई राहें: Indore Metro और Regional Airports
महिला सशक्तिकरण मिशन के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया:
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Indore Metro का Super Priority Corridor, जिससे शहर की यातायात प्रणाली को राहत मिलेगी।
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Datia और Satna Airport, जो क्षेत्रीय संपर्क और पर्यटन को गति देंगे।
यह परियोजनाएं सिर्फ यातायात साधन नहीं, बल्कि महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और अवसरों तक पहुंच को आसान बनाएंगी।
सम्मान और पहचान
इस अवसर पर National Devi Ahilyabai Award से डॉ. जयमती कश्यप को नवाजा गया। उन्होंने गोंडी भाषा के संरक्षण, महिला कल्याण और मानव तस्करी के विरुद्ध उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
प्रधानमंत्री ने इस पुरस्कार को देश की हर उस महिला को समर्पित किया जो समाज को बदलने का हौसला रखती है।
दो लाख महिलाएं बनीं गवाह
कार्यक्रम में 2 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया — जिनमें Ladli Behna Yojana की लाभार्थी, SHGs की महिलाएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षिकाएं और विभिन्न राज्यों से आईं महिला प्रतिनिधि मौजूद रहीं।
इस आयोजन ने महिला जागरूकता और एकजुटता की मिसाल पेश की।
निष्कर्ष
यह कार्यक्रम केवल एक सरकारी आयोजन नहीं था — यह एक ऐलान था कि भारत की महिलाएं अब केवल जिम्मेदार नहीं, बल्कि निर्णयकर्ता और बदलाव की वाहक हैं।
जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा:
“अब बेटियों के सपने भी सरकार की नीतियों का हिस्सा हैं।”