Written by: ASIYA SHAHEENअलीगढ़, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। इस बार केंद्र में हैं समाजवादी पार्टी (सपा) की युवा सांसद Iqra Hasan और अलीगढ़ के एडीएम (ADM), जिनके बीच सार्वजनिक मंच पर हुए तीखे संवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
घटना अलीगढ़ जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में हुई, जहां एक सरकारी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद इकरा हसन भी औपचारिक निमंत्रण पर पहुंचीं। जब इकरा हसन मंच पर अपनी बात रख रही थीं, तभी वहां मौजूद ADM ने उन्हें टोकते हुए बेहद रूखे अंदाज़ में कहा—
“आपको यहां बोलने की अनुमति नहीं है, बाहर जाइये!”
यह बयान न केवल असम्मानजनक था, बल्कि एक निर्वाचित महिला सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
वीडियो हुआ वायरल, जनता में आक्रोश
पूरा वाकया किसी ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर लिया और कुछ ही देर में वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इकरा हसन बेहद शालीनता से अपनी बात रखने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन ADM उन्हें बार-बार चुप कराने की कोशिश करते हैं और अंततः बाहर जाने को कह देते हैं।
इस वीडियो के वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग ADM की आलोचना करने लगे। हैशटैग #IqraHasan और #ADMAbuse ट्रेंड करने लगे।
इकरा हसन का बयान
मीडिया से बात करते हुए सांसद इकरा हसन ने कहा:
“मुझे जनता ने चुना है, और मैं उनकी आवाज़ बनकर वहां गई थी। लेकिन जिस प्रकार का व्यवहार ADM ने किया, वह न केवल मेरे लिए, बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए अपमानजनक है। क्या अब एक महिला सांसद को भी बोलने की इजाज़त नहीं?”
उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस पर स्पष्टीकरण मांगेंगी।
सपा और विपक्ष का आक्रामक रुख
समाजवादी पार्टी ने इस मामले को लेकर तत्काल प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ADM को सस्पेंड करने की मांग की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया:
“ADM का व्यवहार निंदनीय है। यह महिलाओं के सम्मान और लोकतंत्र की मर्यादा दोनों का उल्लंघन है। सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।”
कांग्रेस और बसपा ने भी इस घटना की आलोचना की है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट में कहा कि यह भाजपा सरकार की महिला जनप्रतिनिधियों के प्रति सोच को दर्शाता है।
प्रशासन की सफाई
विवाद बढ़ता देख अलीगढ़ जिला प्रशासन ने इस पर एक संक्षिप्त बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि:
“कार्यक्रम सरकारी था और कुछ निर्धारित प्रोटोकॉल थे। किसी भी गलतफहमी को सुलझाने के लिए आंतरिक जांच की जा रही है।”
हालांकि, इस बयान ने जनता की नाराजगी को और बढ़ा दिया है क्योंकि लोग इसे प्रशासनिक अभद्रता पर पर्दा डालने की कोशिश मान रहे हैं।
महिला होने के कारण निशाना?
कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी ADM के व्यवहार को महिला विरोधी बताया है। ऑल इंडिया विमेंस फ्रंट की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा:
“अगर यही व्यवहार किसी पुरुष सांसद के साथ होता तो क्या ऐसा कहा जाता? महिला सांसदों के साथ इस तरह का व्यवहार कहीं न कहीं पितृसत्तात्मक सोच को दर्शाता है।”
क्या कहता है संविधान?
भारतीय संविधान के अनुसार, कोई भी सांसद अपने क्षेत्र में जनहित से जुड़े मुद्दों को किसी भी मंच पर उठा सकता है। एक ADM का यह कहना कि “आपको बोलने की अनुमति नहीं है”—संसदीय गरिमा और जनप्रतिनिधियों के अधिकारों के विपरीत माना जाता है।
अब आगे क्या?
इस पूरे प्रकरण के बाद इकरा हसन ने ADM के खिलाफ लिखित शिकायत दी है। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई है।
वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे अलीगढ़ में धरना प्रदर्शन करेंगे।
निष्कर्ष
इकरा हसन और ADM के बीच हुई यह झड़प एक बार फिर यह सवाल उठाती है—क्या प्रशासनिक अधिकारी जनप्रतिनिधियों के ऊपर हैं? क्या लोकतंत्र में एक महिला सांसद को भी अपमानित किया जाएगा?
इस मुद्दे का समाधान केवल एक अधिकारी को हटाकर नहीं, बल्कि सिस्टम में बदलाव लाकर ही होगा।
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