Written by: ASIYA SHAHEEN
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबर ने सोमवार को पूरे देश की राजनीति को चौंका दिया। जैसे ही यह समाचार सामने आया कि Jagdeep Dhankhar Resignation हो गया है, सोशल मीडिया से लेकर संसद तक हलचल तेज हो गई।
सूत्रों की मानें तो इस्तीफे के पीछे निजी कारण बताए जा रहे हैं, हालांकि सत्ता के गलियारों में इसे एक राजनीतिक चाल के रूप में भी देखा जा रहा है।
अचानक क्यों दिया इस्तीफा?
धनखड़ जी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपते हुए कहा कि वह “व्यक्तिगत कारणों” से इस पद को छोड़ रहे हैं। मगर यह कहना मुश्किल है कि यह फैसला महज व्यक्तिगत है या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक पृष्ठभूमि है।
करीबी सूत्रों ने क्या बताया?
करीबी सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पिछले कुछ समय से कई मुद्दों पर केंद्र सरकार से असहमति जता रहे थे। संसद की कार्यवाही के संचालन को लेकर भी उनकी भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। कई बार ऐसा देखा गया कि उन्होंने सत्ताधारी दल की बातों से असहमति जताई, जो शायद सत्ता को रास नहीं आया।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि Jagdeep Dhankhar Resignation महज एक व्यक्तिगत फैसला नहीं हो सकता। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि धनखड़ जी अब किसी और बड़ी भूमिका की तैयारी कर रहे हैं।
कुछ का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2029 में वे एक निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। भाजपा से उनके रिश्ते पुराने हैं और वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं, जहां उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से कई बार टकराव लिया।
विपक्ष का रिएक्शन
कांग्रेस और आप जैसे विपक्षी दलों ने इस इस्तीफे को “लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय” बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “अगर देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद से इस्तीफा देना पड़ा है, तो सवाल बनता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ?”
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को “व्यक्तिगत” बताया है और उनकी सेवा के लिए आभार जताया है।
अब आगे क्या?
अब सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या धनखड़ जी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे? या फिर किसी संवैधानिक संस्था में उन्हें नई ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी?
कुछ अटकलें ये भी लगा रही हैं कि वे राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं, या भाजपा उन्हें किसी अन्य प्रमुख संवैधानिक पोस्ट के लिए नामित कर सकती है।
निष्कर्ष:
Jagdeep Dhankhar Resignation केवल एक औपचारिक कदम नहीं, बल्कि एक संकेत हो सकता है आने वाले बड़े राजनीतिक बदलावों का। चाहे वजहें जो भी हों, इतना तो तय है कि देश की राजनीति में एक नई चर्चा का विषय ज़रूर जुड़ गया है।
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