नई दिल्ली | ASH24 NEWS
सुप्रीम कोर्ट में आज उस याचिका पर सुनवाई हो रही है, जो देश भर में बहस का केंद्र बनी हुई है — Waqf Law की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका।
यह सुनवाई न सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों को लेकर भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
क्या है मामला?
Waqf Act 1995 के तहत भारत में लाखों एकड़ ज़मीन को ‘वक्फ’ संपत्ति घोषित किया गया है।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि:
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यह कानून एक विशेष धार्मिक समुदाय को अनुचित लाभ देता है
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यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और 15 (धर्म के आधार पर भेदभाव निषेध) का उल्लंघन करता है
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Waqf Board को दिए गए अधिकार अत्यधिक और असंवैधानिक हैं
अब तक की कार्यवाही
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही केंद्र सरकार से जवाब मांग चुका है।
सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर कहा गया कि Waqf Law का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय है।
हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर संवैधानिक परीक्षण करेगा।
क्या कहता है संविधान?
संविधान में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा के तहत सभी धर्मों को समान मान्यता दी गई है।
अगर सुप्रीम कोर्ट मानता है कि Waqf Law एक धर्म को विशेष लाभ देता है, तो यह कानून असंवैधानिक ठहराया जा सकता है।
क्या हो सकता है असर?
यदि कोर्ट Waqf Law को रद्द करता है या उसमें संशोधन के निर्देश देता है:
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देश भर में Waqf Property Dispute बढ़ सकते हैं
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लाखों एकड़ ज़मीन पर दावेदारी फिर से खुल सकती है
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केंद्र और राज्य सरकारों पर प्रशासनिक दबाव बढ़ेगा
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राजनीतिक बहस और ध्रुवीकरण तेज हो सकता है
क्या आज आएगा फैसला?
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि आज सिर्फ विस्तृत सुनवाई हो सकती है, लेकिन कोर्ट आज ही कोई अंतरिम निर्देश या बड़ी टिप्पणी भी कर सकता है।
यदि बेंच को लगेगा कि मामला गंभीर संवैधानिक प्रश्न है, तो यह बड़ी संविधान पीठ को सौंपा जा सकता है।
निष्कर्ष:
आज का दिन भारत के कानून, धर्म और संविधान — तीनों की बारीकी को समझने और परखने का है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे जो भी हो, यह निश्चित रूप से Waqf Law और धार्मिक संपत्ति के दावों पर देश की सोच को दिशा देगा।