Written by: Ramawadh Singh Yadav
24 मई 1875 का दिन भारतीय इतिहास में एक ऐसे सूरज के طلوع होने जैसा था, जिसने शिक्षा और तरक्की की नई सुबह को जन्म दिया। इसी दिन सर सैयद अहमद ख़ाँ ने अलीगढ़ मुस्लिम स्कूल की नींव रखी, जो आगे चलकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) बना। उन्होंने महसूस किया कि भारत के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ापन तभी दूर हो सकता है जब वे आधुनिक शिक्षा को अपनाएं।
AMU सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जिसने समाज को सोचने, समझने और आगे बढ़ने का नया रास्ता दिखाया। आज भी यह तारीख हमें प्रेरित करती है कि शिक्षा ही असली ताकत है।
इमरान मिंटोई जैसे समाजसेवियों का यही उद्देश्य है कि हर बच्चा शिक्षित हो, और हर इंसान समाज में जागरूक भूमिका निभाए — ठीक उसी सोच के साथ जो सर सैयद ने 1875 में दिखाई थी।
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