Aashram सीजन 3 पार्ट 2 रिव्यू: बाबा निराला बनकर बॉबी ने फिर किया कमाल, मगर आश्रम में नहीं रही पहले वाली बात

Aashram(आश्रम) सीजन 3 पार्ट 2 रिव्यू: बाबा निराला बनकर बॉबी ने फिर किया कमाल, मगर आश्रम में नहीं रही पहले वाली बात

वेब सीरीज की दुनिया में एमएक्स प्लेयर की सबसे चर्चित और विवादित सीरीज आश्रम का तीसरा सीजन जब रिलीज हुआ, तो फैंस को फिर से बाबा निराला (बॉबी देओल) के खेल का हिस्सा बनने का मौका मिला। Aashram सीजन 3 पार्ट 2 का ट्रेलर जब आया, तो दर्शकों की उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गई थीं, लेकिन क्या यह सीरीज उन उम्मीदों पर खरी उतर पाई? आइए जानते हैं इस रिव्यू में।

कहानी: बाबा निराला का साम्राज्य और नए ट्विस्ट

इस बार कहानी वहीं से आगे बढ़ती है, जहां पहला भाग खत्म हुआ था। बाबा निराला (बॉबी देओल) अब खुद को भगवान मान चुका है और अपनी सत्ता को और मजबूत करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उसके समर्थक, भक्त और सियासी खेलों का जाल पहले से ज्यादा गहरा हो चुका है। बाबा के खिलाफ खड़ी हुईं पम्मी (अदिति पोहनकर) और उनकी पुरानी भक्तों की बगावत अब जोर पकड़ रही है।

कहानी में इस बार राजनीति का तड़का ज्यादा देखने को मिलता है। बाबा की ताकत सिर्फ उसके भक्तों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि वह सत्ता के गलियारों में भी अपना रुतबा जमाने की कोशिश करता है। इसी बीच, इंस्पेक्टर उदय सिंह (दर्शन कुमार) और पत्रकार अकाश (अनुरिता झा) बाबा के गंदे खेल को बेनकाब करने में जुटे हैं।

बॉबी देओल का शानदार अभिनय, लेकिन कहानी में दम नहीं

बॉबी देओल ने इस सीजन में भी शानदार एक्टिंग की है। उनकी बॉडी लैंग्वेज, डायलॉग डिलीवरी और एक्सप्रेशंस से यह साफ झलकता है कि वह इस किरदार में पूरी तरह ढल चुके हैं। बाबा निराला के रूप में बॉबी का प्रदर्शन काबिले तारीफ है, लेकिन सीरीज की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी कहानी और पटकथा है।

पहले सीजन की तुलना में इस बार कहानी में ज्यादा खींचतान महसूस होती है। कई जगह पर ऐसा लगता है कि सीन को जबरदस्ती लंबा किया गया है। पहले जहां Aashram की कहानी दर्शकों को स्क्रीन से बांधकर रखती थी, वहीं इस बार यह पकड़ थोड़ी कमजोर लगती है।

सहायक कलाकारों का प्रदर्शन

इस सीजन में बाकी कलाकारों का भी बढ़िया प्रदर्शन देखने को मिला है।

  • अदिति पोहनकर (पम्मी): उनका किरदार इस बार ज्यादा मजबूत नजर आया। वह बाबा के खिलाफ खुलकर लड़ने को तैयार हैं।
  • चंदन रॉय सान्याल (भूपा स्वामी): हमेशा की तरह उनका किरदार बाबा के सबसे भरोसेमंद शख्स के रूप में नजर आया।
  • दर्शन कुमार (उदय सिंह): उनके किरदार में गहराई है, लेकिन कहानी की सुस्त गति उनके प्रभाव को कम कर देती है।
  • त्रिधा चौधरी (बबीता): उनका किरदार पहले से ज्यादा बोल्ड हो गया है और इस बार उनकी भूमिका ज्यादा अहम लगती है।

निर्देशन और सिनेमेटोग्राफी

प्रकाश झा के निर्देशन में बनी यह वेब सीरीज अपने सिनेमेटोग्राफी और लोकेशन्स के लिए जानी जाती है। इस बार भी Aashram(आश्रम )के सेट, बाबा के दरबार और राजनीति की दुनिया को अच्छे से दिखाया गया है। हालांकि, इस बार स्क्रिप्ट में दमदार ट्विस्ट की कमी खलती है।

क्या है खास और क्या है कमजोर?

खास बातें:

  • बॉबी देओल का दमदार अभिनय
  • बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी और लोकेशन
  • पॉलिटिकल ड्रामा का नया ऐंगल

कमजोरियां:

  • कहानी की धीमी रफ्तार
  • जरूरत से ज्यादा खींचे गए सीन
  • पहले जितना रोमांच नहीं

देखें या न देखें?

अगर आप आश्रम के पहले दोनों सीजन के फैन रहे हैं और बॉबी देओल का दमदार अभिनय देखना चाहते हैं, तो यह सीजन देख सकते हैं। लेकिन अगर आप तेज रफ्तार कहानी और रोमांचक ट्विस्ट की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद यह सीजन आपको थोड़ा निराश कर सकता है। कुल मिलाकर, Aashramसीजन 3 पार्ट 2 को 5 में से 3 स्टार दिए जा सकते हैं।

आपने यह सीजन देखा? हमें कमेंट में बताएं कि आपको कैसा लगा! Read More…

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