CBSE, IIT और अब IIM भी दुबई में… जानिए इस गल्फ कंट्री में ऐसा क्या खास है?
CBSE in Dubai, IIT in Dubai, और अब IIM in Dubai — ये नाम जब एक साथ किसी देश से जुड़ते हैं तो जाहिर है उस देश की अहमियत और ग्लोबल एजुकेशन हब बनने की दिशा में उसकी कोशिशें साफ दिखती हैं। गल्फ देशों में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे तेजी से उभरता हुआ नाम है दुबई। एक ओर जहां भारतीय प्रवासी बड़ी संख्या में वहां बसे हैं, वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की मांग भी निरंतर बढ़ रही है।
दुबई में CBSE की मौजूदगी
CBSE की मान्यता प्राप्त स्कूलों की दुबई में काफी बड़ी संख्या है। इन स्कूलों में भारतीय प्रवासी समुदाय के बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें भारत से जुड़े रहना होता है। CBSE की वजह से छात्रों को भारत वापसी पर किसी भी प्रकार की शैक्षणिक समस्या नहीं होती।
IIT in Dubai – एक नया कदम
2023 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने पहली बार भारत से बाहर अपने कैंपस की शुरुआत दुबई में की। इसका उद्देश्य गल्फ में बसे छात्रों को भारत जैसी ही तकनीकी शिक्षा देना है। इसके अलावा इससे UAE और भारत के बीच शैक्षणिक संबंध और मजबूत हुए हैं।
अब IIM in Dubai – प्रबंधन शिक्षा का विस्तार
अब Indian Institute of Management (IIM) भी दुबई में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। भारत सरकार और UAE के सहयोग से ये कदम भारतीय शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक बड़ा बदलाव है। IIM की मौजूदगी से दुबई में हाई-क्वालिटी मैनेजमेंट एजुकेशन मिलेगी, जो स्टार्टअप्स, मल्टीनेशनल्स और बिजनेस लीडर्स के लिए अवसरों को और बढ़ाएगी।
दुबई क्यों बन रहा है एजुकेशन हब?
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भारतीयों की बड़ी संख्या – दुबई में लगभग 30 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं।
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सरल वीजा और आव्रजन प्रक्रिया – शिक्षा और काम के लिए दुबई में आना आसान है।
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इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स – स्कूल और यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल एजुकेशन क्वालिटी प्रदान करते हैं।
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सेफ और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर – छात्रों के लिए सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम माहौल।
निष्कर्ष:
CBSE in Dubai, IIT in Dubai, और अब IIM in Dubai का होना यह दिखाता है कि दुबई केवल एक व्यापारिक केंद्र ही नहीं बल्कि एक नया शिक्षा केंद्र भी बन रहा है। यह कदम भारत की शैक्षणिक प्रतिष्ठानों की वैश्विक मौजूदगी को और मजबूत करता है और भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर प्रदान करता है।