इस्लामाबाद/कराची:
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पहली बार Chinese Army in Sindh की मौजूदगी दर्ज की गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह तैनाती कोई सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि एक सुनियोजित Pakistan China Military Agreement का हिस्सा है, जिसे Shahbaz Government ने हाल ही में चुपचाप मंजूरी दी है।
यह कदम भारत के लिए एक गंभीर Strategic Threat to India बनकर सामने आ सकता है।
शहबाज सरकार का समझौता कैसे हुआ?
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली और अंतरराष्ट्रीय दबावों के बीच Shahbaz Government Deal with China पर मजबूर हो गई।
चीन ने CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) की सुरक्षा के नाम पर पहले आर्थिक दबाव डाला, फिर राजनयिक स्तर पर शहबाज शरीफ सरकार पर “रणनीतिक” सहयोग की शर्तें रखीं।
इसके परिणामस्वरूप सिंध के कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में Chinese Troops in Pakistan को “सुरक्षा मिशन” के तहत एंट्री दी गई है।
CPEC की आड़ में सैन्य विस्तार?
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने CPEC Military Risk को आधार बनाकर पाकिस्तान की ज़मीन पर अपना प्रभाव बढ़ा दिया है।
चीन को डर है कि CPEC प्रोजेक्ट्स को आतंकी या स्थानीय विरोध से नुकसान हो सकता है, इसलिए वह अब सीधे अपनी सेना तैनात करके नियंत्रण चाहता है।
लेकिन भारत के लिए यह स्थिति सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि India China Pakistan Threat के रूप में उभर रही है।
🇮🇳 भारत के लिए क्यों खतरे की घंटी?
भारत के लिए यह स्थिति इसलिए संवेदनशील मानी जा रही है, क्योंकि:
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Chinese Army in Sindh अब भारत की पश्चिमी सीमा के बेहद नज़दीक है।
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चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग, भारत की सुरक्षा नीतियों के लिए गंभीर चुनौती है।
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India Border Security Alert जारी किया गया है, विशेषकर राजस्थान और गुजरात सीमा पर।
भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस गतिविधि को Strategic Threat to India की श्रेणी में रखा है।
सैटेलाइट से मिले सबूत
रक्षा सूत्रों के अनुसार, कुछ हफ्तों से सिंध के कुछ इलाकों में नए निर्माण, हेलिपैड्स और संदिग्ध वाहनों की मूवमेंट देखी गई थी।
अब पुष्टि हो चुकी है कि ये Chinese Troops in Pakistan से संबंधित गतिविधियाँ थीं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इस पर चिंता जताई है।
चीन द्वारा किसी और देश की ज़मीन पर सैन्य दखल को “सॉवरेनिटी वायलेशन” माना जा रहा है।
निष्कर्ष:
Chinese Army in Sindh की तैनाती सिर्फ पाकिस्तान की आंतरिक समस्या नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
India China Pakistan Threat की त्रिकोणीय स्थिति अब और जटिल हो चुकी है, जिसमें भारत को न केवल पूर्व, बल्कि पश्चिम से भी सतर्क रहना होगा।
Strategic Threat to India अब केवल एक शब्द नहीं, बल्कि एक हकीकत बन चुका है — और भारत को अपनी नीति, सैन्य तैयारी और कूटनीति तीनों स्तर पर जवाब तैयार करना होगा।