नई दिल्ली: संसद में पेश किए गए Waqf Bill पर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार कांग्रेस के सहयोगी दल इंडियन मुस्लिम लीग (IUML) ने खुलकर नाराजगी जताई है। IUML ने कांग्रेस सांसद द्वारा बिल के समर्थन को ‘काला धब्बा’ करार देते हुए कहा है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है।
IUML ने सीधे तौर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस वाकई में अल्पसंख्यकों की हितैषी है, तो उसे इस बिल का विरोध करना चाहिए।
📌 क्या है मामला?
हाल ही में संसद में Waqf संपत्तियों को लेकर एक बिल पेश किया गया जिसमें वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती और सरकार को अधिक नियंत्रण देने की बात की गई है। इस बिल का समर्थन कांग्रेस के एक वरिष्ठ सांसद द्वारा किए जाने के बाद विवाद और गहरा गया।
इस बिल के जरिए वक्फ संपत्तियों पर सरकारी हस्तक्षेप को कानूनी रूप देने की कोशिश की जा रही है, जिससे मुस्लिम समुदाय में गहरी नाराजगी है। IUML के नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि धार्मिक अधिकारों और संवैधानिक स्वतंत्रता पर हमला है।
📣 IUML का तीखा बयान
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की भूमिका को लेकर गहरी निराशा व्यक्त की। IUML प्रवक्ता ने कहा,
“इस बिल को समर्थन देना भारतीय मुसलमानों के विश्वास के साथ धोखा है। कांग्रेस के एक सांसद का यह कदम पार्टी के इतिहास पर काला धब्बा है।”
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे नेता, जो खुद को न्याय और धर्मनिरपेक्षता का पैरोकार बताते हैं, इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
⚖️ राजनीतिक समीकरणों पर असर
इस मुद्दे ने विपक्षी एकता को भी झटका दिया है। IUML कांग्रेस के साथ गठबंधन में है और कई चुनावों में उसका महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है। अब जब IUML खुद कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठा रही है, तो इससे विपक्षी खेमे में दरार पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कांग्रेस ने इस मामले में स्पष्ट रुख नहीं अपनाया, तो अल्पसंख्यक मतदाता उससे और दूर हो सकते हैं।
📢 राहुल-प्रियंका की चुप्पी पर सवाल
IUML नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी, जो भारत जोड़ो यात्रा में लगातार संविधान और अल्पसंख्यकों की बात करते हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर अभी तक एक शब्द क्यों नहीं कहा?
प्रियंका गांधी भी उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के अधिकारों की बात करती रही हैं, लेकिन इस बार उनकी चुप्पी समाज में गलत संदेश दे रही है।
🕌 मुस्लिम संगठनों में आक्रोश
देशभर के कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस बिल को लेकर नाराजगी जताई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसी संस्थाओं ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है।
इन संगठनों का मानना है कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इससे वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
📄 Waqf Bill की मुख्य बातें
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वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए बोर्ड की शक्तियों में कटौती।
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सरकार को वक्फ संपत्तियों की निगरानी का अधिकार।
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विवाद की स्थिति में न्यायिक हस्तक्षेप की प्रक्रिया को कमजोर करना।
🔚 निष्कर्ष
Waqf Bill पर उठी इस राजनीतिक बहस ने साफ कर दिया है कि अब मुस्लिम समुदाय अपने हितों को लेकर पहले से ज्यादा सतर्क है। कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद द्वारा बिल का समर्थन करना, उसकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
इंडियन मुस्लिम लीग द्वारा राहुल और प्रियंका गांधी से जवाब मांगना बताता है कि सहयोगी दल अब आंख मूंदकर समर्थन देने को तैयार नहीं हैं। अगर कांग्रेस ने जल्द ही स्थिति स्पष्ट नहीं की, तो 2024 के चुनावी समीकरणों में यह एक बड़ा फैक्टर बन सकता है।