इजराइल और लेबनान के बीच चल रहे तनाव में एक नया मोड़ आ गया है। इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के महानायक हसन नस्रल्लाह के अंतिम संस्कार के दौरान एक अत्यधिक असाधारण कदम उठाया। उनके ताबूत पर जेट फाइटर उड़ाने का फैसला किया गया, जिसे इजराइली अधिकारियों ने “दुनिया के लिए एक बेहतरी का संकेत” कहा। इस घटना ने मध्य पूर्व में राजनीतिक और सैन्य संघर्ष को और भी गहरा कर दिया है।
नस्रल्लाह की मृत्यु और अंतिम संस्कार
हसन नस्रल्लाह, जो इजराइल के लिए दशकों से एक प्रमुख खतरा रहे हैं, की हाल ही में मृत्यु हो गई थी। उनका शव पहले लेबनान में दफनाया गया, लेकिन सुरक्षा चिंताओं के कारण उन्हें बाद में ईरान ले जाकर दोबारा दफनाया गया। नस्रल्लाह की मृत्यु ने पूरे मध्य पूर्व में भारी झटका दिया है, और उनके समर्थकों ने इसे एक राजनीतिक और आध्यात्मिक आपदा के रूप में देखा है।
इजराइल का असाधारण कदम
इजराइली सेना ने नस्रल्लाह के अंतिम संस्कार के दौरान अपने जेट फाइटर्स को ताबूत के ऊपर उड़ाने का फैसला किया। इस कदम का उद्देश्य विश्वभर को एक संदेश भेजना था। इजराइली प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा, “नस्रल्लाह की मृत्यु से दुनिया एक बेहतर स्थान बन गई है। उनके जीवन के दौरान वे आतंक और हिंसा के प्रतीक थे। उनके अंतिम संस्कार पर हमारी उड़ान इस बात का प्रतीक है कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।”
ईरान में दोबारा दफनाने की प्रक्रिया
नस्रल्लाह के शव को लेबनान से ईरान लाया गया, जहां उन्हें दोबारा दफनाया गया। ईरानी सरकार और हिजबुल्लाह के नेताओं ने इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में लोगों को शामिल किया। इस अंतिम संस्कार को एक राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रदर्शन के रूप में देखा गया। हालांकि, इजराइल के इस असाधारण कदम ने इस प्रक्रिया को और भी जटिल बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इजराइल के इस कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विभाजन देखने को मिला है। कुछ देशों ने इजराइल की इस कार्रवाई को “अनावश्यक और अशिष्ट” कहा है, जबकि दूसरों ने इसे आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में स्वीकार किया है। संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है और दोनों पक्षों से शांति और संवेदनशीलता का आह्वान किया है।
भविष्य की चुनौतियां
इस घटना से मध्य पूर्व में तनाव और भी बढ़ गया है। हिजबुल्लाह और ईरान ने इजराइल के खिलाफ बदला लेने की धमकी दी है, जिससे यह खतरा बना हुआ है कि इस क्षेत्र में नई सैन्य टकराव की संभावना बढ़ सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के कदम शांति प्रक्रिया को और भी जटिल बना सकते हैं।
इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की राह अभी भी बहुत दूर है Read More..