गुवाहाटी: असम में हुए राभा हसोंग परिषद चुनाव (Rabah Hasong Autonomous Council Election) के नतीजे आ गए हैं और यह चुनाव पूरी तरह से NDA के पक्ष में गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने इस चुनाव में बड़ी जीत (Big Win in Assam Council Election) दर्ज की है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को जबरदस्त झटका लगा है और वह पिछली बार की तुलना में काफी पीछे रह गई है।
🔹 NDA की निर्णायक जीत
NDA ने कुल 36 में से 30 सीटों पर जीत हासिल की है, जिसमें अकेले बीजेपी ने 22 सीटें अपने नाम की हैं। बाकी की सीटें उसके सहयोगी दलों ने जीती हैं। यह जीत साफ तौर पर दर्शाती है कि असम में एनडीए की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
🔹 कांग्रेस का बुरा हाल
कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में केवल 4 सीटें ही जीत सकी। पिछली बार कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार के नतीजों ने पार्टी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस की हार (Congress Loss in Assam Council Election) से राज्य में पार्टी की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।
🔹 जनता का भरोसा बना रहा
विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के स्थानीय विकास कार्यक्रमों का परिणाम है। NDA की जीत से यह साफ है कि ग्रामीण इलाकों में भी बीजेपी का आधार मजबूत हो रहा है।
🔹 राभा हसोंग परिषद का महत्त्व
राभा हसोंग परिषद असम के आदिवासी समुदाय के लिए एक स्वायत्त परिषद है, जिसका गठन उनके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए किया गया है। इस परिषद के चुनाव को असम की राजनीति (Assam Politics 2025) में बेहद अहम माना जाता है।
🔹 जनता की प्रतिक्रियाएं
ग्रामीण क्षेत्रों में वोटरों ने कहा कि उन्होंने विकास और स्थिरता के लिए वोट दिया है। “हमने स्कूल, सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं के लिए बीजेपी को चुना,” एक स्थानीय मतदाता ने कहा।
🔹 राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस को अपना जनाधार वापस पाने के लिए पूरी रणनीति बदलनी होगी। जबकि बीजेपी अपनी नीतियों और कार्यशैली से ग्रामीण वोटर्स का भरोसा लगातार जीत रही है।
🔹 भविष्य की रणनीति
इस जीत के बाद अब एनडीए का अगला फोकस 2026 विधानसभा चुनाव पर होगा। बीजेपी नेतृत्व इस परिणाम को राज्यव्यापी जनादेश का संकेत मान रही है और अपनी तैयारियों में जुट गई है।