नई दिल्ली:
भारत सरकार ने National Security Advisory Board (NSAB) के पुनर्गठन की घोषणा कर दी है।
इस नए बोर्ड की कमान अब पूर्व RAW Chief को सौंपी गई है, जिन्हें देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा रणनीति में व्यापक अनुभव है।
यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब Pakistan Tension चरम पर है और सीमाओं पर लगातार हलचल बनी हुई है।
कौन हैं नए अध्यक्ष?
भारत की खुफिया एजेंसी RAW (Research and Analysis Wing) के पूर्व प्रमुख, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मिशनों को नेतृत्व प्रदान किया, अब NSA Board Restructuring के तहत बोर्ड के अध्यक्ष बनाए गए हैं।
उनकी नियुक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को मज़बूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
National Security Advisory Board क्या है?
National Security Advisory Board एक ऐसा उच्चस्तरीय रणनीतिक निकाय है जो प्रधानमंत्री को सुरक्षा नीतियों पर सलाह देता है।
यह बोर्ड रक्षा, कूटनीति, आंतरिक सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और विदेश नीति जैसे मामलों में सरकार को India National Security Strategy तैयार करने में मार्गदर्शन देता है।
Pakistan Tension के बीच बड़ा संदेश
इस पुनर्गठन को भारत की ओर से पाकिस्तान को एक सख्त और रणनीतिक संदेश माना जा रहा है।
सीमा पर जारी तनाव, हालिया खुफिया गतिविधियों और बढ़ते आतंकवादी खतरों को देखते हुए यह बदलाव India Pakistan Conflict को संतुलित करने के नजरिए से भी देखा जा रहा है।
बोर्ड में शामिल अन्य सदस्य
नई NSAB में रक्षा विश्लेषक, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, कूटनीतिज्ञ और खुफिया विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं।
यह पैनल अब आगामी वर्षों में Indian Strategic Security Panel के रूप में नीति निर्धारण में अहम भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष:
RAW Former Director का National Security Advisory Board का अध्यक्ष बनना भारत की आक्रामक सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।
Pakistan Tension और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के बीच लिया गया यह फैसला यह दर्शाता है कि भारत अब किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने को तैयार है।