Written by: Asiya Shaheen
नई दिल्ली | ASH24 NEWS
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समीकरण एक बार फिर चर्चा में हैं।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान के बाद भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि
Zero Tariff Offer केवल परस्पर समानता और राष्ट्रीय हित के आधार पर दिया गया था।
ट्रंप का दावा: “भारत ने हमें Zero Tariff का ऑफर दिया था”
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने एक जनसभा में कहा:
“भारत ने हमें जीरो टैरिफ ऑफर दिया था, लेकिन हम तब तैयार नहीं थे। अब शायद मौका है।”
उनका यह बयान India US Trade को लेकर नया राजनीतिक विमर्श शुरू कर गया।
🇮🇳 जयशंकर का जवाब: “भारत ने संतुलित प्रस्ताव दिया था”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“भारत ने कभी भी एकतरफा प्रस्ताव नहीं दिया। हमने हमेशा reciprocal (पारस्परिक) और संतुलित व्यापारिक कर ढांचे की वकालत की है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपने कृषि, टेक्सटाइल, और फार्मा सेक्टर को ध्यान में रखकर ही कोई प्रस्ताव देता है।
क्या है Zero Tariff Offer?
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यह प्रस्ताव कुछ खास उत्पादों पर आयात शुल्क शून्य करने की अनुमति देता है
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अमेरिका के लिए भारतीय बाजार को खोला जाता, बदले में भारतीय वस्तुओं पर टैक्स में राहत मिलती
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दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन और द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत हो सकते थे
व्यापार विशेषज्ञों की राय:
इंडियन ट्रेड एक्सपर्ट्स के अनुसार:
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यदि अमेरिका भारत के IT और फार्मा एक्सपोर्ट्स को खुला एक्सेस देता, तो भारत इस पर सहमत हो सकता था
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लेकिन ट्रंप प्रशासन के दौरान US Import Duties में बढ़ोतरी भारत के लिए चिंता का विषय थी
वर्तमान परिदृश्य:
भारत और अमेरिका के बीच Indo US Economic Talks एक बार फिर तेज़ हो रही हैं।
नरेंद्र मोदी सरकार Free Trade Proposal पर अमेरिका के नए नेतृत्व के साथ फिर से चर्चा कर सकती है,
लेकिन केवल भारतीय किसानों और उद्योगों के हित को ध्यान में रखकर ही।
निष्कर्ष:
Zero Tariff Offer को लेकर ट्रंप का दावा जितना सीधा दिखता है,
असल में वह उतना ही राजनीतिक और कूटनीतिक संतुलन से जुड़ा मामला है।
जयशंकर का जवाब यह संकेत देता है कि भारत झुकता नहीं, बराबरी पर सौदा करता है।