नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कुछ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि देश के कुछ नेता भारतीय पर्वों और परंपराओं को गाली देते हैं। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पर्ची निकाली थी और धीरेंद्र शास्त्री की मां के मन में उनके ब्याह की बात चल रही थी।
पर्व-परंपरा पर आरोप
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि कुछ नेता देश की संस्कृति और परंपराओं के प्रति सम्मान के बजाय अवहेलना करते हैं। उन्होंने इन नेताओं को “संस्कृति के खिलाफ” बोलने का दोषी ठहराया। मोदी ने कहा, “ऐसे लोग हमारे पर्वों को गाली देते हैं और उन्हें पुराना और अनावश्यक बताते हैं। लेकिन हमारी परंपराएं हमारी पहचान हैं, जो हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।”
धीरेंद्र शास्त्री की मां का खास जिक्र
भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री ने एक दिलचस्प घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक बार उन्होंने पर्ची निकाली थी, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री की मां के मन में उनके ब्याह की बात चल रही थी। मोदी ने इस घटना को हल्के में बताते हुए कहा, “जब मैंने पर्ची निकाली, तो उनकी मां ने सोचा कि अब शायद ब्याह की बात आगे बढ़ेगी।”
इस टिप्पणी पर उपस्थित लोगों में हंसी की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसी परंपराएं हमारे समाज का हिस्सा हैं, और उन्हें समझने की जरूरत है।
संदेश का मकसद
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी संदेश दिया कि देश की परंपराओं और संस्कृति का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता को अपनाते हुए भी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए।
इस बयान के बाद देश भर में चर्चा छिड़ गई है। कई लोगों ने प्रधानमंत्री के विचारों से सहमति जताई है, जबकि कुछ ने इसे राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बताया है। Read More..