भोपाल: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भोपाल में आयोजित जियोग्राफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम (GIS) समिट में अपने देर से आने के लिए माफ़ी मांगी। उन्होंने बताया कि वे देर से इसलिए पहुंचे क्योंकि उन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा के दौरान केंद्रित रहने के लिए अपने शेड्यूल को थोड़ा समायोजित किया।प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के आरंभ में कहा, “10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा की वजह से मैं समिट में देर से आया, क्षमा चाहता हूं।” उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि छात्रों का भविष्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।
छात्रों के प्रति समर्पण
PM मोदी ने बताया कि वे छात्रों की परीक्षा के दौरान उनके साथ मानसिक रूप से जुड़े रहे। उन्होंने कहा, “हमारे युवा छात्र देश का भविष्य हैं। उनकी पढ़ाई और परीक्षा का समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे समय में हमें उनका साथ देना चाहिए।उन्होंने यह भी जोर दिया कि छात्रों को परीक्षा के दौरान किसी भी तरह का तनाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और तकनीकी कौशल सिखाने की दिशा में कदम बढ़ाए जाने चाहिए।
GIS समिट में तकनीकी प्रगति पर बल
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने शिक्षा और तकनीकी प्रगति के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि GIS जैसी तकनीकें देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और इनका उपयोग सही ढंग से करने से देश की युवा पीढ़ी को बेहतर अवसर मिलेंगे।
PM मोदी ने बताया कि GIS तकनीक का उपयोग शहरी योजना, पर्यावरण संरक्षण, कृषि, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “GIS तकनीक का उपयोग करके हम देश की समस्याओं का समाधान तेज़ी से और प्रभावी ढंग से कर सकते हैं।”
शिक्षा और तकनीक का संगम
प्रधानमंत्री ने शिक्षा और तकनीक के संगम पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के युग में शिक्षा को तकनीक से जोड़ना बेहद जरूरी है। “हमारे छात्रों को तकनीकी कौशल सिखाने से उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी और वे देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकेंगे,” उन्होंने कहा।
PM मोदी ने यह भी बताया कि सरकार ने छात्रों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’। इन योजनाओं का उद्देश्य छात्रों को नवीन तकनीकों से परिचित कराना और उन्हें नवाचार के माहौल में लाना है।
उपस्थित लोगों की प्रतिक्रिया
PM मोदी के इस बयान से उपस्थित सभी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उपस्थित शिक्षाविदों, तकनीकी विशेषज्ञों और छात्रों ने उनके छात्रों के प्रति जताए गए समर्थन की सराहना की। एक छात्र ने कहा, “PM मोदी का यह बयान हमें बहुत प्रेरित करता है। उनके शब्दों से हमें लगता है कि हमारे सपनों को पूरा करने के लिए हमारा देश हमारे साथ है।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान न केवल उनके छात्रों के प्रति समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि वे देश के हर क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके इस बयान ने देश के युवाओं को एक बार फिर प्रेरित किया है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए सही मार्गदर्शन और समर्थन पाएंगे। Read More..