चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में हुई बातचीत ने वैश्विक राजनीतिक और भू-राजनीतिक दृष्टि से एक नया मोड़ ला दिया है। इस बातचीत का समय ऐसा है कि अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर वापसी की बातें चल रही हैं, जबकि यूक्रेन-रूस युद्ध का गतिशील स्थिति अभी भी अनिश्चित है। इस पृष्ठभूमि में, शी जिनपिंग और पुतिन के बीच इस बातचीत का महत्व और उनके बयानों का विश्लेषण करना आवश्यक है।
ट्रंप के बाद अब शी जिनपिंग ने की पुतिन से बात, जानें यूक्रेन युद्ध को लेकर चीनी राष्ट्रपति ने क्या कहा
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में हुई बातचीत ने वैश्विक राजनीतिक और भू-राजनीतिक दृष्टि से एक नया मोड़ ला दिया है। इस बातचीत का समय ऐसा है कि अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर वापसी की बातें चल रही हैं, जबकि यूक्रेन-रूस युद्ध का गतिशील स्थिति अभी भी अनिश्चित है। इस पृष्ठभूमि में, शी जिनपिंग और पुतिन के बीच इस बातचीत का महत्व और उनके बयानों का विश्लेषण करना आवश्यक है।
शी जिनपिंग और पुतिन की बातचीत का प्रारूप
इस बातचीत को एक वीडियो कॉल के माध्यम से संपन्न किया गया, जिसमें दोनों नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इस बातचीत का मुख्य फोकस यूक्रेन युद्ध और रूस-चीन संबंधों को मजबूत करने पर था। चीन ने अपनी नीति को और स्पष्ट करते हुए कहा कि वे “शांति के लिए समर्थन” देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यूक्रेन संकट पर रूस के साथ खड़े रहने का भी संकेत दिया।
शी जिनपिंग ने बातचीत के दौरान कहा कि चीन यूक्रेन युद्ध के लिए एक “उदार और संतुलित” दृष्टिकोण अपनाएगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए सभी पक्षों को वार्ता के माध्यम से समाधान ढूंढना चाहिए।
शी जिनपिंग के बयान: यूक्रेन युद्ध के बारे में क्या कहा?
शी जिनपिंग ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अपने बयान में कहा कि चीन युद्ध के विस्तार को रोकने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चीन ने कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं दिया है और न ही वे किसी भी पक्ष के साथ सैन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं।
हालांकि, शी जिनपिंग ने यह भी जोर दिया कि यूक्रेन संकट का समाधान तभी संभव होगा जब सभी पक्ष वार्ता के माध्यम से समझौते पर पहुंचें। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन की समस्या का जड़ीला कारण पश्चिमी देशों की नीतियों में छिपा है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शी जिनपिंग ने यह भी संकेत दिया कि चीन यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए एक मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि चीन का उद्देश्य वैश्विक स्थिरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, और इसके लिए युद्ध का अंत आवश्यक है।
रूस की तरफ से प्रतिक्रिया
व्लादिमीर पुतिन ने शी जिनपिंग के बयानों का स्वागत किया और कहा कि रूस चीन के साथ घनिष्ठ सहयोग जारी रखेगा। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस यूक्रेन संकट को लेकर चीन के दृष्टिकोण से सहमत है और वे वार्ता के माध्यम से समाधान ढूंढने के लिए तैयार हैं।
पुतिन ने यह भी जोर दिया कि रूस और चीन के बीच रणनीतिक साझेदारी ने वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। उन्होंने कहा कि रूस और चीन के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग बढ़ाने के लिए नई पहलें शुरू की जाएंगी।
चीन का यूक्रेन युद्ध में रुख
चीन का यूक्रेन युद्ध में रुख बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वैश्विक शांति और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। चीन ने अब तक यूक्रेन युद्ध को लेकर एक तटस्थ रुख अपनाया है, लेकिन उनके रूस के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ रही है।
चीन के विश्लेषकों का मानना है कि चीन यूक्रेन युद्ध में सीधे शामिल होने के बजाय एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा, चीन यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न हो रहे आर्थिक प्रभावों को भी ध्यान में रख रहा है, क्योंकि यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और ऊर्जा बाजार को प्रभावित कर रहा है।
अमेरिका और पश्चिम की प्रतिक्रिया
अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से इस बातचीत पर चिंता जताई गई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि चीन को यूक्रेन युद्ध के लिए रूस को सैन्य या आर्थिक सहायता प्रदान करने से बचना चाहिए। पश्चिमी देशों का मानना है कि चीन और रूस के बीच घनिष्ठ संबंध वैश्विक शांति के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
हालांकि, चीन ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वे वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए प्रयासरत हैं।
निष्कर्ष
शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चीन और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ रही है। चीन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें वे शांति के लिए समर्थन देने के साथ-साथ रूस के साथ घनिष्ठ सहयोग जारी रखने पर जोर दे रहे हैं।
इस बातचीत का वैश्विक राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर जब अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर वापसी की संभावना बढ़ रही है। ऐसे में, वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए चीन और रूस की भूमिका और उनके निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होंगे। Read More..