इस्लामी पवित्र महीने रमजान की शुरुआत के आसपास दुनियाभर में उत्सुकता और उम्मीद का माहौल छा गया है। इस साल, रमजान की शुरुआत को लेकर विभिन्न देशों में थोड़ा अंतर आ सकता है। सऊदी अरब जैसे देशों में रमजान भारत से एक दिन पहले शुरू हो सकता है। ऐसा चांद की दिखाई देने की तारीख के आधार पर हो सकता है। दुनियाभर के मुसलमान अब चांद की रौशनी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो इस महीने की शुरुआत का संकेत होगा।
रमजान की शुरुआत का फैसला: चांद की दिखाई देने पर निर्भर
रमजान की शुरुआत का फैसला इस्लामी कैलेंडर के अनुसार हिलाल (चांद की पहली दिखाई) के आधार पर किया जाता है। इस्लामी कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित है, जिसके कारण विभिन्न देशों में रमजान की शुरुआत में एक या दो दिन का अंतर पड़ सकता है।
इस साल, सऊदी अरब की रूईयत-ए-नेजद (अदालत) ने 29 शाबान (इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने) की रात को चांद की दिखाई की घोषणा की है। यदि चांद की पहली दिखाई सफलतापूर्वक हो जाती है, तो रमजान की शुरुआत 30 शाबान को होगी। इसके विपरीत, यदि चांद दिखाई नहीं देता है, तो शाबान महीने को एक दिन बढ़ा दिया जाएगा और रमजान की शुरुआत 1 रमजान को होगी।
भारत में, जमियत उलेमा-ए-हिंद और अन्य इस्लामी संगठन चांद की दिखाई की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। भारतीय मुसलमानों के लिए रमजान की शुरुआत सऊदी अरब से एक दिन बाद हो सकती है, जो भौगोलिक स्थिति और चांद की दिखाई के समय पर निर्भर करता है।
सऊदी अरब की घोषणा और वैश्विक प्रभाव
सऊदी अरब, जो इस्लाम के पवित्र शहर मक्का और मदीना का घर है, रमजान की शुरुआत के लिए वैश्विक मानक के रूप में माना जाता है। दुनियाभर के मुसलमान सऊदी अरब की घोषणा का पालन करते हैं। इस साल, सऊदी अरब के अनुसार रमजान की शुरुआत 30 शाबान (यानी 22 मार्च 2024) को हो सकती है।
हालांकि, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में, रमजान की शुरुआत अक्सर सऊदी अरब से एक दिन बाद होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चांद की दिखाई भौगोलिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। भारत में, रमजान की शुरुआत 23 मार्च 2024 को हो सकती है।
चांद की दिखाई का महत्व
चांद की दिखाई इस्लामी कैलेंडर का मूल आधार है। इस्लाम में, चांद की पहली दिखाई को “हिलाल” कहा जाता है, जो नए महीने की शुरुआत का संकेत होता है। रमजान की शुरुआत के लिए, मुसलमान चांद की दिखाई के लिए इंतजार करते हैं, जो आमतौर पर 29वें दिन की रात को होती है।
यदि चांद दिखाई देता है, तो अगला दिन रमजान का पहला दिन माना जाता है। यदि चांद दिखाई नहीं देता है, तो वर्तमान महीने को 30 दिन का माना जाता है और रमजान की शुरुआत अगले दिन होती है।
भारत में रमजान की शुरुआत की प्रक्रिया
भारत में, रमजान की शुरुआत का फैसला जमियत उलेमा-ए-हिंद और अन्य इस्लामी संगठनों द्वारा किया जाता है। इन संगठनों के विशेषज्ञ चांद की दिखाई के लिए विभिन्न राज्यों में तैनात होते हैं। यदि चांद की दिखाई सफलतापूर्वक हो जाती है, तो उसी दिन रमजान की शुरुआत की घोषणा की जाती है।
इस साल, भारत में रमजान की शुरुआत की घोषणा 22 मार्च की रात को की जाएगी। यदि चांद दिखाई नहीं देता है, तो रमजान की शुरुआत 23 मार्च को होगी।
रमजान का महत्व और उत्सव
रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना है, जिसमें मुसलमान रोजा रखते हैं और धार्मिक गतिविधियों में लगे रहते हैं। इस महीने में, मुसलमान सुबह के फजर से शाम के मगरीब तक रोजा रखते हैं। रमजान का उद्देश्य ईश्वर के प्रति निष्ठा, स्वयं का परीक्षण और सामाजिक सेवा को बढ़ावा देना है।
रमजान के अंत में, ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है, जो मुसलमानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन, मुसलमान खुशी मनाते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं।
निष्कर्ष
रमजान की शुरुआत के आसपास दुनियाभर के मुसलमानों में उत्सुकता और उम्मीद का माहौल छा गया है। सऊदी अरब में रमजान की शुरुआत भारत से एक दिन पहले हो सकती है, जो चांद की दिखाई के समय पर निर्भर करता है। इस महीने के दौरान, मुसलमान धार्मिक गतिविधियों में लगे रहेंगे और अपने विश्वास को मजबूत करेंगे। रमजान का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और मानवीय दृष्टि से भी बहुत बड़ा है। Read More..