इस्लामाबाद | ब्यूरो रिपोर्ट | ASH24 NEWS
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता Bilawal Bhutto ने एक बेहद चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसने पाकिस्तान की दशकों पुरानी आतंकवाद को लेकर रणनीति को फिर से उजागर कर दिया है।
बिलावल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान का एक ऐसा इतिहास रहा है जिसमें Terrorism को रणनीतिक हितों के लिए पाला गया, और यह बात अब किसी से छिपी नहीं है।
क्या कहा Bilawal Bhutto ने?
एक सार्वजनिक मंच पर बोलते हुए Bilawal Bhutto ने कहा:
“Pakistan ने अतीत में रणनीतिक उद्देश्य हासिल करने के लिए कुछ ऐसे तत्वों को समर्थन दिया जो बाद में हमारे लिए ही खतरा बन गए। हमारे देश का एक इतिहास है, और हम उससे आंखें नहीं फेर सकते। यह इतिहास अब दुनिया से छिपा नहीं रह गया है।”
Bilawal Bhutto के इस बयान को Pakistan Terrorism Confession के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव में है और आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
Pakistan Defense Minister भी कर चुके हैं स्वीकार
Bilawal से पहले भी Pakistan Defense Minister ख्वाजा आसिफ यह बात सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि पाकिस्तान ने अतीत में Terrorism को पनपने का मौका दिया।
उन्होंने कहा था कि 1980 और 1990 के दशक में Pakistan की नीतियों में चरमपंथियों का इस्तेमाल किया गया, जो अब खुद पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं।
यह बयान भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में काफी चर्चा में रहा था, और अब Bilawal Bhutto के बयान ने उसे और मजबूत कर दिया है।
State Sponsored Terrorism की खुले मंच पर पुष्टि
पाकिस्तान लंबे समय से State Sponsored Terrorism के आरोपों से घिरा रहा है। भारत, अमेरिका और कई अन्य देशों ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने और उन्हें वित्तीय मदद देने का आरोप लगाया है।
अब जब Bilawal Bhutto जैसे वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री खुद यह बात स्वीकार कर रहे हैं, तो यह साफ है कि पाकिस्तान की नीतियों में आतंकवाद को एक समय पर रणनीतिक हथियार के रूप में देखा गया।
🇮🇳 भारत के रुख को मिल रही पुष्टि
भारत सालों से यह बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है कि Pakistan आतंक को बढ़ावा देता है।
अब Bilawal Bhutto और Pakistan Defense Minister के बयान इस रुख को और पुख्ता कर रहे हैं।
Pakistan History of Terrorism अब सिर्फ भारत का आरोप नहीं, खुद पाकिस्तान के नेताओं की स्वीकारोक्ति बन चुका है।
क्या यह बदलाव की शुरुआत है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Bilawal Bhutto का यह बयान पाकिस्तान की नीतियों में एक बदलाव का संकेत हो सकता है।
कई लोगों का यह भी मानना है कि यह बयान केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करने का एक प्रयास है, ताकि Pakistan को FATF जैसी संस्थाओं की ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जा सके।
निष्कर्ष:
Bilawal Bhutto का यह बयान पाकिस्तान के लिए केवल एक स्वीकृति नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक स्वीकारोक्ति है –
कि देश की नीतियों में Terrorism को एक समय पर राज्य प्रायोजित रणनीति के रूप में अपनाया गया।
जब खुद Pakistan के वरिष्ठ नेता यह मानते हैं कि Pakistan Terrorism Confession एक कड़वी सच्चाई है, तो अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर और स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।
ने एक बेहद चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसने पाकिस्तान की दशकों पुरानी आतंकवाद को लेकर रणनीति को फिर से उजागर कर दिया है।
बिलावल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान का एक ऐसा इतिहास रहा है जिसमें Terrorism को रणनीतिक हितों के लिए पाला गया, और यह बात अब किसी से छिपी नहीं है।
क्या कहा Bilawal Bhutto ने?
एक सार्वजनिक मंच पर बोलते हुए Bilawal Bhutto ने कहा:
“Pakistan ने अतीत में रणनीतिक उद्देश्य हासिल करने के लिए कुछ ऐसे तत्वों को समर्थन दिया जो बाद में हमारे लिए ही खतरा बन गए। हमारे देश का एक इतिहास है, और हम उससे आंखें नहीं फेर सकते। यह इतिहास अब दुनिया से छिपा नहीं रह गया है।”
Bilawal Bhutto के इस बयान को Pakistan Terrorism Confession के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जब पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव में है और आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
Pakistan Defense Minister भी कर चुके हैं स्वीकार
Bilawal से पहले भी Pakistan Defense Minister ख्वाजा आसिफ यह बात सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि पाकिस्तान ने अतीत में Terrorism को पनपने का मौका दिया।
उन्होंने कहा था कि 1980 और 1990 के दशक में Pakistan की नीतियों में चरमपंथियों का इस्तेमाल किया गया, जो अब खुद पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं।
यह बयान भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में काफी चर्चा में रहा था, और अब Bilawal Bhutto के बयान ने उसे और मजबूत कर दिया है।
State Sponsored Terrorism की खुले मंच पर पुष्टि
पाकिस्तान लंबे समय से State Sponsored Terrorism के आरोपों से घिरा रहा है। भारत, अमेरिका और कई अन्य देशों ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने और उन्हें वित्तीय मदद देने का आरोप लगाया है।
अब जब Bilawal Bhutto जैसे वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री खुद यह बात स्वीकार कर रहे हैं, तो यह साफ है कि पाकिस्तान की नीतियों में आतंकवाद को एक समय पर रणनीतिक हथियार के रूप में देखा गया।
भारत के रुख को मिल रही पुष्टि
भारत सालों से यह बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाता रहा है कि Pakistan आतंक को बढ़ावा देता है।
अब Bilawal Bhutto और Pakistan Defense Minister के बयान इस रुख को और पुख्ता कर रहे हैं।
Pakistan History of Terrorism अब सिर्फ भारत का आरोप नहीं, खुद पाकिस्तान के नेताओं की स्वीकारोक्ति बन चुका है।
क्या यह बदलाव की शुरुआत है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि Bilawal Bhutto का यह बयान पाकिस्तान की नीतियों में एक बदलाव का संकेत हो सकता है।
कई लोगों का यह भी मानना है कि यह बयान केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम करने का एक प्रयास है, ताकि Pakistan को FATF जैसी संस्थाओं की ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जा सके।
निष्कर्ष:
Bilawal Bhutto का यह बयान पाकिस्तान के लिए केवल एक स्वीकृति नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक स्वीकारोक्ति है –
कि देश की नीतियों में Terrorism को एक समय पर राज्य प्रायोजित रणनीति के रूप में अपनाया गया।
जब खुद Pakistan के वरिष्ठ नेता यह मानते हैं कि Pakistan Terrorism Confession एक कड़वी सच्चाई है, तो अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर और स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।